My Oil Painting
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भोर की पहली किरण
मन से मनव्योम तक ----
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शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010
स्थान
जिला फोंडा (गोवा ) में स्थित यह स्थान दूध सागर कहलाता है जो अभयारण्य में स्थित है। सफेद दूध जैसा फेनिल पानी निर्मल एहसास जगाता है।
यहां दिखाई देने वाला यह रेल पुल अंग्रेजों के समय का बना हुआ है।
गुरुवार, 4 फ़रवरी 2010
ऐतिहासिक स्थान
मंगेशपुर (गोवा) के पास के एक गांव की हवेली। इस इलाके के कई गांवों में अग्रंेजो ने ऐसी उस समय की तमाम सुख सुविधायुक्त हवेलियां उनको दी जिन्होंने उनकी अधीनता स्वीकार कर उनके लिये लगान व कचहरी का काम करना स्वीकार किया। उनको वो गांव दे दिया गया। उन्हीं हवेली में से एक को अब संग्रहालय रुप में खोला गया है।
उसी के यह चित्र है।
इनमें लगभग दो सौ साल पुरानी वस्तुएं है।
इडली बनाने के बर्तन ।
मांस रक्षण
पलंग
भोजन कक्ष
आभूषण रखने का
पालकी
रेडियो
इडली बनाने के बर्तन ।
मांस रक्षण
पलंग
भोजन कक्ष
आभूषण रखने का
पालकी
रेडियो
बुधवार, 3 फ़रवरी 2010
मेरी फोटोग्राफी
इसका नाम पैटरोनास टावर है यह भारतीय मूल के व्यवसायी का है। यह उनकी पैटरोलियम कंपनी का आॅफिस है।
ट्विन टावर के पास ही बना उसका माॅल ।
मंगलवार, 2 फ़रवरी 2010
मेरी फोटोग्राफी
रणकपुर (उदयपुर ) जाते समय यह जगह रास्ते में आती है जहां तोतों को दाना डाला जाता है और सैंकड़ों तोते आते है।
सोमवार, 1 फ़रवरी 2010
रविवार, 31 जनवरी 2010
कुंभलगढ़ दुर्ग
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aदुर्ग के चारों ओर बनी 36 किलोमीटर दीवार के परिसर के भीतर 360 मंदिर है , जिनमें से 300 जैन मंदिर और 60 हिंदु मंदिर है।

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