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मंगलवार, 5 जनवरी 2010
इितहास की जुबां
चाणोद महल का भीतरी दृश्यय
इितहास की जुबां
http://www.blogger.com/post-edit.g?blogID=3696472272149942768&postID=6864524770901818721
मिंदर के गिलयारे में भित्ति चित्र....जो वषांे से होती पुताई से दब गये थे जिन्हें अब सफाई व सावधानी से रसायन से धोकर वािपस उसी रुप मे लाया गया।
मिंदर के पट्ट मे उकेरा लेख....जिसमें लिखा है कि रानी च्ज्ञौहान अपने पीहर से यह मूिर्त साथ लाई थी फिर मंिदर बनवाया गया थ।
इतिहास की जुबां
चाणोद का गौरवमयी दुर्ग.........अपने इतिहास को समेटे ये अब एक हैरीटेज होटल का का रुप लेकर नये सिरे से सज रहा है!!!!!!!
घुड़साल...........
राजा साहब का महल
जनाना महल और मिंदर
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