मंगेशपुर (गोवा) के पास के एक गांव की हवेली। इस इलाके के कई गांवों में अग्रंेजो ने ऐसी उस समय की तमाम सुख सुविधायुक्त हवेलियां उनको दी जिन्होंने उनकी अधीनता स्वीकार कर उनके लिये लगान व कचहरी का काम करना स्वीकार किया। उनको वो गांव दे दिया गया। उन्हीं हवेली में से एक को अब संग्रहालय रुप में खोला गया है।
उसी के यह चित्र है।
इनमें लगभग दो सौ साल पुरानी वस्तुएं है।
इडली बनाने के बर्तन ।
मांस रक्षण
पलंग
भोजन कक्ष
आभूषण रखने का
पालकी
रेडियो
इडली बनाने के बर्तन ।
मांस रक्षण
पलंग
भोजन कक्ष
आभूषण रखने का
पालकी
रेडियो
nice haveli...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चित्र हैं. शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर चित्रों द्वारा ऐतिहासिक जानकारी मिली, आभार.
जवाब देंहटाएंरामराम.