इस किले में हम कई बार जा चुके हैं जब जोधपुर में रहते थे। हाथी राम का ओडा के पीछे से निकलनेवाली सड़क से होकर ही था ऊपर जाने का रास्ता। वैसे भी जोधपुर में रहते हुए दिन में एक बार मेहरानगढ़ की ओर न देखा तो चैन नहीं मिलता। वैसे हमें एक बार रेलवे स्टेशन का चक्कर लगाए बिना चैन नहीं मिलता था
इस किले में हम कई बार जा चुके हैं जब जोधपुर में रहते थे। हाथी राम का ओडा के पीछे से निकलनेवाली सड़क से होकर ही था ऊपर जाने का रास्ता। वैसे भी जोधपुर में रहते हुए दिन में एक बार मेहरानगढ़ की ओर न देखा तो चैन नहीं मिलता। वैसे हमें एक बार रेलवे स्टेशन का चक्कर लगाए बिना चैन नहीं मिलता था
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